शुक्रवार, 31 मार्च 2023

मार्मोसेट बंदर और सफ़ेद उकाब -नेहा

 


“मार्मोसेट बंदर और सफ़ेद उकाब” बाल कथा संग्रह का विवरण मैंने फेसबुक पर देखा | पढने की इच्छा हुई क्योंकि मुझे बाल कहानियां पसंद हैं| 
कुमार मुकुल द्वारा लिखी गई यह किताब पहले पन्ने से ही खींचती हैं, जब वो कहते हैं कि दुनिया के सारे बच्चे आओ ...आओ मेरी आँखों में बसो...। यह किताब दुनिया के तमाम बच्चों के लिए है। 
संग्रह की पहली कहानी है “गीदड़ की बहादुरी” | इसमें जानवरों के माध्यम से लेखक ने बहुत सुंदर तरीके से बताया है शेखी बघारने का क्या अंजाम होता है | जिसकी जैसी काबिलियत है उसे उसी दिशा में काम करना चाहिए | “मार्मोसेट बंदर और सफ़ेद उकाब” कहानी में बातों ही बातों में लेखक बच्चों का परिचय सूरदास से कराता है | सूरदास के दोहे को सही तरह से इस्तेमाल करने की वजह से बच्चे आसानी से संदर्भ समझ सकते हैं | इस कहानी की मूल बात ये है कि सभी लोगों की अपनी एक सीमा होती है ...जिसे उन्हें जानना चहिए। सीमा लांघना कष्टकर हो सकता है| 
“मिट्टू तोते का आत्मज्ञान” कहानी बच्चों को बताती है कि आसानी और आराम से मिली हुई चीजें हमें ज़िन्दगी में आगे नहीं बढ़ातीं, इसलिए मेहनत ही जीवन का मूल मंत्र है | "तीन मित्र" कहानी ने बड़े लाजवाब तरीके से बताया है कि हर एक व्यक्ति अपने आप में महत्वपूर्ण है | ज़िन्दगी अपनी पाठशाला में जो सिखाती है वो कभी – कभी स्कूल में पायी हुई शिक्षा से ज्यादा काम की साबित होती है | “कुहरे का भूत” कहानी में एक साइंटिस्ट किरदार है जिसके ज़रिये बच्चे समझ सकते हैं कि हमारे जीवन में विज्ञान कितना ज़रूरी है | कहानी में बड़े दिलचस्प तरीके से वास्पीकरण की प्रक्रिया को बताया गया है|
“ फैशन कथा” एक महत्वपूर्ण कहानी साबित होती है | यह बताती है कि किस तरह हम सब फैशन की अंधी दौड़ में शामिल हैं | अगर किसी के पास गियर वाली साइकिल है तो हमें भी चाहिए | वो हमारे लिए कितनी ज़रूरी है ये नही सोचते | कहानी में राहुल फैशन के चक्कर में बड़े हादसे को आमंत्रित कर लेता है | इस कहानी से बच्चे समझ सकते हैं कि गलत फैशन की दौड़ में वो गिर भी सकते हैं,चोट आ सकती है या कुछ नुकसान हो सकता है | 
किताब की भाषा सरल है | लेखक ने भाषा में एक निरंतरता, एक बहाव को बरकरार रखा है जिससे पाठक की रूचि बनी रहती है | बाल – कथाओं की ये किताब एक पोटली है जिसमें तरह -तरह की मज़ेदार और प्रेरक कहानियां बंधी हैं |
                         

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